ताड़ासन योग, tadasana yoga-ताड़ासन योग करने का तरीका

 

ताड़ासन किसे कहते हैं। Tadasan kise kahate Hain



संस्कृत शब्द ताड़ का अभिप्राय ताड़ के पेड़ से है। यह पेड़ अपनी लंबाई और सीधी ऊर्ध्व आकृति के लिए जाना जाता है। यह ताड़ासन इसलिए कहलाता है, क्योंकि इसमें शरीर ताड़ के पेड़ जैसा दिखता है। अतः इसके अनुरूप आसन का नाम ताड़ासन दिया गया है।



आइए नीचे दिए गए चरणों का अनुसरण करते हुए ताड़ासन करें—



ताड़ासन


ताड़ासन कैसे करें। Tadasan kaise karen



इस आसन का अभ्यास दिन के किसी भी समय किया जा सकता है। यह अनिवार्य नहीं है कि इस आसन को खाली पेट किया जाना चाहिए। लेकिन इस आसन को करने से कम से कम चार से 6 घंटे पहले अपना भोजन करना सबसे अच्छा है। यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी आंख साफ हो।



ताड़ासन करने की विधि। Tadasan karne ki vidhi














प्रारंभिक स्थिति— 



1. सीधे पैर पर खड़े हो जाएं और दोनों पैर को आपस में मिलाकर रखें और दोनों हाथों को कमर से सटाकर रखें।

2. पीठ सीधी रखें और सामने लगातार देखें।

3. भुजाओं को सिर के ऊपर एक दूसरे के समांतर हथेलियां एक दूसरे की ओर रखते हुए ताने।

4. एड़ियों को धीरे-धीरे उठाएं और पांव पर खड़े हो जाए। एड़ियो को जितना ऊपर उठा सके, उठाएं। शरीर को जितना ऊपर की ओर खींच सकते हैं, खींचे। इस स्थिति में कुछ सेकंड रहें।


पूर्व स्थिति में आना—


5. पूर्व पूर्व स्थान में लौटने के लिए पहले एड़ियों को जमीन पर लाएं।

 6. धीरे से हाथों को जांघों के बगल में नीचे लाएं और विश्राम करें।



आप ताड़ासन में परिवर्तन भी कर सकते हैं।


★धीरे-धीरे हाथ को कंधों को समातन लेकर आए।

★अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और पैर के पंजों पर खड़े हो जाएं, फिर हथेलियों को जोड़ कर रखें।

★इस समय सीधे देखें और हाथों को आकाश की ओर रखें।

★कुछ समय के लिए इस मुद्रा में रहे और सांस छोड़ते हुए पहली मुद्रा में आए।




तारा आसन करते समय कुछ बातों को याद रखें। Tashan karte samay kuchh baton ko yad rakhen


★भीतरी भुजा से अपनी ओर के कानों को क्रमशाह स्पर्श करें और आज एक दूसरे के समांतर होने चाहिए।

★भूल जाओ और अंगुलियों को पूरा खींचे।

★सिर गर्दन और शरीर को एक लाइन में रखें।

★आगे या पीछे ना झुके।



ताड़ासन के लाभ। Kannadasan ke labh


★शरीर की बनावट में सुधार करता है

★जांघों घुटनों और टखनों को मजबूत करता है।

★पैरों और कुल्लू में ताकत और गतिशीलता बढ़ाता है।

★सपाट पैरों को कम करता है।

★ रीड को शक्ति और लचीला बनाता है।

★पूरे शरीर में तनाव और दर्द से राहत दिलाता है।

★रक्त परिसंचरण और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है।

★शरीर की लंबाई बढ़ाने के लिए मददगार है।

★यह आलस और सुस्ती दूर करने में मदद करता है।



सावधानियां। Savdhaniya


★सिरदर्द, अनिद्रा या रक्तचाप से पीड़ित को इस आसन से बचना चाहिए।

★जिनको चक्कर आने की शिकायत हो उन्हें यह अभ्यास नहीं करना चाहिए।

★यदि घुटने के जोड़ों और टखनों के जोड़ों में दर्द और कड़ापन हो तो यह आसन ना करें।



ताड़ासन वीडियो। Tarasan video




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