मौर्य साम्राज्य के नोट्स, Maury samraaj ke notes

मौर्य साम्राज्य के महत्त्वपूर्ण नोट्स सभी परीक्षाओं के लिए...












 



मौर्य साम्राज्य (322 – 185 ईसा पूर्व)



चंद्रगुप्त मौर्य



★मौर्य साम्राज्य का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था।

★उन्होंने चाणक्य की सहायता से राजा धनानंद को हराया।

★चंद्रगुप्त का ग्रीक और लैटिन नाम सैंड्रोकॉटोस या एंड्रोकोटस था।

★चंद्रगुप्त की राजधानी पाटलिपुत्र थी।

★चंद्रगुप्त ने 24 वर्षों तक शासन किया।

★चंद्रगुप्त ने 305 ईसा पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया।

★सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चंद्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि शर्तों के अनुसार चार प्रांत काबुल, कंधार, हेरात एवं मकरान चंद्रगुप्त को दे दिए।

★सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त के दरबार में मेगास्थनीज राजदूत के रूप में भेजा।

★मेगास्थनीज ने ‘इंडिका' की रचना की थी।

★चाणक्य (कौटिल्य /विष्णुगुप्त) ने ‘अर्थशास्त्र' नामक पुस्तक की रचना की।

★चंद्रगुप्त मौर्य के बाद बिंदुसार राजा बने।

★चंद्रगुप्त का महल लकड़ी से बना हुआ था।

★चंद्रगुप्त मौर्य अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलागोला में बिताया।




बिंदुसार



★बिंदुसार को ‘अमित्रघात' के नाम से जाना जाता है ‘अमितघात' का अर्थ ‘शत्रु विनाशक’ होता है।

★बिंदुसार के शासनकाल में डायमेकस नामक यूनानी राजदूत उस के दरबार में आया था।



अशोक



★बिंदुसार के बाद उनके पुत्र अशोक ने राज्य संभाला।

★पुराणों में अशोक को अशोकवर्धन के नाम से संबोधित किया गया है।

 ★अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र मेंहेद्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा।

★ भारतवर्ष में शिलालेखों के प्रचलन का श्रेय सम्राट अशोक को प्रदान किया गया है अशोक का सातवां शिलालेख सबसे लंबा है।

 ★जिसमें सभी संप्रदायों के लिए सहिष्णुता की बात है।

 ★कलिंग का युद्ध 261 ईसा पूर्व उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ था।

★कलिंग के युद्ध की सामुहिक मृत्यु ने अशोक का हृदय परिवर्तन कर दिया और वह बौद्ध धर्म का अनुयाई बन गया।

★सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ को भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अधिगृहीत किया गया।

★सांची सारनाथ, तक्षशिला सहित लगभग 84,000 स्तूप(सारनाथ, उत्तर प्रदेश), भरहुत स्तूप (मध्य प्रदेश), महाबोधि मंदिर गया, (बिहार) अत्यंत भव्य हैं।

★अन्तिम मौर्य राजा वृहद्रथ अपने सेनापति पुष्यमित्र के द्वारा मारा गया।

★पुष्यमित्र ने शुंग वंश की स्थापना की।

★मौर्य साम्राज्य के इतिहास के महत्त्वपूर्ण स्रोत है अर्थशास्त्र– कौटिल्य, इंडिया – मेगास्थनीज, राजतरंगिणी – कल्हण, महाभारत – पतंजलि।

★दूसरे स्त्रोत – पुराण, बौद्ध संग्रह, अशोक के अभिलेख, मौर्य के पत्थरों और स्तम्भों पर (शिलाएं) अध्यादेश। सं

सख्या               शासक                  शासन   

1          चन्द्रगुप्त मौर्य          322 (ई॰ पू॰)से

                                            297(ई॰पू॰)   

2.             बिंदुसार                298(ई॰पू॰) से 

                                    ‌‌       2‌‌72(ई॰पू॰)    

3.            अशोक                 274(ई॰पू॰) से 

                                           232(ई॰पू॰) 

4.           दशरथ                   232(ई॰पू॰) से 

                                          224(ई॰पू॰) 

5.           सम्प्रति                224(ई॰पू॰) से  

                                          215(ई॰पू॰)  

 6.         सलिसुक                215(ई॰पू॰) से 

                                         202(ई॰पू॰)    

7.          देववर्मन                 202(ई॰पू॰) से 

                                          195(ई॰पू॰)   

8.         सत्तघनवन             195(ई॰पू॰) से 

                                        187(ई॰पू॰)   

9.         वृहद्रथ                   187(ई॰पू॰) से 

                                         185(ईष॰पू॰)


ये भी पढ़ें– 

     https://allexamrelatednotes.blogspot.com/2021/05/prachin-bharat-ke-mahatvpurn-vansh.html


   प्राचीन भारत का धार्मिक आंदोलन महत्वपूर्ण नोट्स, prachin Bharat ka dharmik andolan ke mahatvpurn notes


  उत्तर वैदिक काल के महत्वपूर्ण नोट्स

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Recent post

करेंट अफेयर्स

करंट अफेयर्स हिंदी में 2021 करंट अफेयर्स हिंदी में current affairs Hindi mein 5 August 2021 1. हाल ही में K2 पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के प...

Papular post