प्राचीन भारत के धार्मिक आंदोलन, prachin Bharat ke dharmik aandolan

प्राचीन भारत के धार्मिक आंदोलन के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर सभी परीक्षाओं के लिए है जरूरी, prachin Bharat ke dharmik andolan ke mahatvpurn prashn Uttar sabhi parikshaon ke liye hai jaruri.









 




धार्मिक आंदोलन


★धार्मिक आंदोलन 600 ईसा पूर्व में अस्तित्व में आया।

★इस आंदोलन का मुख्य कारण ब्राह्मणों के आधिपत्य के विरुद्ध प्रतिक्रिया के फलस्वरुप और उत्तरपूर्व में कृषि अर्थव्यवस्था के विस्तार का परिणाम था।




जैन धर्म—


★संस्थापक ऋषभदेव प्रथम तीर्थ कौन थे।

★महावीर स्वामी का जन्म 540 ईसा पूर्व कुण्डाग्राम (वैशाली) में हुआ।

★महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्धमान था। इन्होंने 30 वर्ष की अवस्था में माता- पिता की मृत्यु के बाद संन्यास ग्रहण किया।

★महावीर स्वामी ने अपने उपदेश प्राकृत भाषा अद्र्धमागधी में दीए।

जैन धर्म के त्रिरत्नो के नाम इस प्रकार हैं–

1. सम्यक दर्शन।      2. सम्यक ज्ञान।     3. सम्यक आचरण।

★जैन धर्म के पंच महाव्रत है- अहिंसा, सत्यवक्त, अस्तेय, अपरिग्रह एवं ब्रह्मचर्य।

★जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर काशी के इक्ष्वाकु वंश के राजा अश्वसेन के पुत्र पार्श्वनाथ थे। इनके द्वारा दी गई शिक्षा थी-       1. हिंसा ना करना, 2. सदा सत्य बोलना, 3. चोरी ना करना एवं , 4. संपत्ति ना रखना,  5. ब्रह्मचर्य।

★जैन धर्म आत्मा को मान्यता प्रदान करता है।

★खजुराहो के जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों के द्वारा किया गया था।

★मौर्योत्तर युग में मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था।

★जैन धर्म ईश्वर में विश्वास नहीं रखता है।




जैन धर्म के प्रमुख तीर्थकर एवं प्रतीक – चिन्ह



तीर्थकर का नाम                        प्रतीक- चिन्ह                  ऋषभदेव (पहले)                       सांड़                            अजीतनाथ (दूसरे)                     हाथी                          संभव (तीसरे)                            घोड़ा                        संपाश्र्व (सातवें)                     स्वस्तिक                            शांति (सोलहवें)                       हिरण                                 नामि (इक्कीसवें)                     नीलकमल                        पाश्र्व (तेईसवें)                        सर्प                                  महावीर (चौबीसवें)                  सिंह 





★महावीर 24 तीर्थकारों में अंतिम तीर्थकार थे। इन्हें 12 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद जृम्भिक पास ऋजुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।

★जैन धर्म चंद्रगुप्त मौर्य काल में दो पंथों में विभक्त हो गया – श्वेतांबर और दिगंबर ।

★पहली परिषद 300 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र में स्थूलभद्र के द्वारा आयोजित की गई।

★दूसरी परिषद छठी शताब्दी में बल्लवी (गुजरात) में देवारधि क्षमाश्रवण के नेतृत्व में हुई।

★468 ईसा पूर्व बिहार राज्य के पावापुरी (राजगीर) में 72 वर्ष की आयु में महावीर ने निर्वाण (मृत्यु) प्राप्त किया।





बौद्ध धर्म —


★बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे।

★गौतम बुध का जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु लुंबिनी नामक जगह पर हुआ था।

★गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था।

★उनके पिता साथ गण राज्य के शासक थे, जिनका नाम शुद्धोधन  था और माता का नाम महामाया था।

★गौतम बुध का विवाह 16 वर्ष की अवस्था में यशोधरा नामक सुंदर कन्या के साथ हुआ। उनके पुत्र का नाम राहुल था।




सिद्धार्थ को कपिलवस्तु का भ्रमण करते समय ये चार दृश्य दिखे–


 1. एक बूढ़ा व्यक्ति                                                         2. एक बीमार व्यक्ति                                                       3. एक मृतक एवं                                                           4. एक सन्यासी                                

★सिद्धार्थ को 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाख की पूर्णिमा की रात्रि निरंजना (फल्गु) नदी के कि weनारे पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई।

★ज्ञान प्राप्ति का स्थान बोधगया (बिहार) कहलाया।

★गौतम बुद्ध ने प्रथम उपदेश सारनाथ (वाराणसी) नामक स्थान पर दिया था। बुद्ध धर्म इसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहा गया।

★गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश जनसाधारण की भाषा पाली में दीए।

★बौद्ध धर्म का ईश्वर में विश्वास नहीं है। इस धर्म में आत्मा की परिकल्पना भी नहीं की गई है। जबकि इस धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है।

★बौद्ध धर्म के त्रिरत्न इस प्रकार है – बुद्ध, धम्म एवं संघ।

★विश्व दुखों से भरा है इस सिद्धांत को बुद्ध ने उपनिषद से उद्धृत किया।

★बौद्ध धर्म तीन मुख्य पंथों में विभाजित हो गया – हीनयान, महायान और वज्रयान।

तीन त्रिपिटक – विनय पिटक (नियम और कानून जिसे बुद्ध ने फैलाया था), सुत्त पिटक (स्वयं बुद्ध के द्वारा दिए गए भाषण), और अभिधम्म पिटक (बौद्ध दर्शन) पर प्रकार डाला गया है ।

★जातक कथाएं बुद्ध के पुनर्जन्म की कहानियां है।

★गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण मल्लो कीराजधानी कुशीनगर उत्तर प्रदेश में 483 ईसा पूर्व में 80 वर्ष की अवस्था में हुई।





शैल धर्म–


★ऋग्वेद में शिव के लिए रूद्र नामक देवता का उल्लेख है।

★एक संप्रदाय के रूप में शैव धर्म का प्रारंभ शुंग सातवाहन काल से हुआ।

★शैव संप्रदायों का सर्वप्रथम उल्लेख, पतंजलि के महाभावय में शिव भागवत के नाम से हुआ।

★लिंग पूजा का पहला स्पष्ट वर्णन मत्स्यपुराण में मिलता है।

★दक्षिण भारत में शैव धर्म चालुक्य, राष्ट्रकूट, पल्लव एवं चोलों के काल में लोकप्रिय हुआ।

★शैव धर्म का प्रचार आडियार संतों ने किया, यह संख्या में 63 थे।

★एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूटो के द्वारा करवाया गया था।

★वामन पुराण में शैव संप्रदाय की संख्या चार बताई गई है –       1. शैल, 2. पशुपति, 3. कापालिक, 4. कालामुख। 




वैष्णव धर्म—


★वैष्णव धर्म के प्रवर्तक कृष्ण थे।

★छांदोग्य उपनिषद में श्री कृष्ण का सर्वप्रथम उल्लेख किया गया।

★इस धर्म का उद्भव मौर्योत्तर काल में हुआ।

★वैष्णव धर्म में सर्वाधिक महत्व भक्ति को माना गया है।

★कृष्ण को मेगास्थनीज ने हेराक्लीज कहा।

★अलवार दक्षिण भारत के वैष्णव संत थे।




इस्लाम धर्म–


★इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब थे।

★पैगंबर मोहम्मद साहब ने कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया था।

★हजरत मोहम्मद साहब की मृत्यु के उपरांत इस्लाम धर्म शिया तथा सुन्नी नामक दो पंथों में विभाजित हो गया।

★पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म-दिन पर ईद- ए- मिलाद- उन- नबी मनाया जाता है।

★कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है।

★हजरत मोहम्मद साहब को 610 ईसवी में मक्का के पास हीरा नामक गुफा में ज्ञान प्राप्ति हुई।

★ईसाई धर्म

★ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह हैं।

★ईसाई धर्म का प्रमुख धार्मिक ग्रंथ बाइबिल है।

★रोमन गवर्नर पोंटियस ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया था।

★ईसा मसीह का जन्म दिवस क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

★ईसा मसीह की माता का नाम ‘मेरी' एवं पिता का नाम ‘जोसेफ' था।

★ईसाई धर्म का सबसे पवित्र चिन्ह क्रश है।

★ईसा मसीह ने अपने जीवन के प्रथम 30 वर्ष एक बढ़ई के रूप में बैथलेहम के निकट नाजरेथ में व्यतीत की किए।




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